सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
Masoom Sawaal Controversy: सेनेटरी पैड पर भगवान कृष्ण की तस्वीर लगाने वाले 'मासूम' तो नही हैं
फिल्म मासूम सवाल (Masoom Sawaal) के पोस्टर में सेनेटरी पैड (Sanitary Pad) पर भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की तस्वीर लगाई गई है. अब इस पर विवाद हो रहा है. लेकिन, इसका दोष भी बहुसंख्यक हिंदुओं पर ही फोड़ा जाएगा. बुद्धिजीवी वर्ग से लेकर प्रगतिवादी-सेकुलर लोग इसके लिए हिंदूवादी संगठनों को ही दोषी ठहराएंगे. और, फिल्म बनाने वाले 'मासूम' हो जाएंगे.
सोशल मीडिया | 5-मिनट में पढ़ें
Kaali Poster Controversy: काली विचित्र हैं या नहीं, लेकिन लीना 'विकृत' जरूर हैं!
विवादित काली फिल्म को बनाने वाली लीना मनिमेकलाई ने फिर से एक विवादित ट्वीट पोस्ट किया और कहा है कि, 'मेरी काली क्वीर हैं. वह पूंजीवाद को नष्ट करती हैं. लीना का ये ट्वीट करना भर था सोशल मीडिया पर लोगों को एक बार फिर से बहस का मौका मिल गया है. ट्वीट के बाद इतना तो साफ़ है कि लीना विकृत जरूर हैं.
सोशल मीडिया | 5-मिनट में पढ़ें
ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें
गंगा-जमनी तहजीब तो तब लगे जब मुसलमान भी काली पोस्टर से आहत हों!
रसूल कंट्रोवर्सी पर आहत मुसलमान याद रखें कि वो फिल्म वाले जो आज मां काली को सिगरेट पीते और LGBTQ का झंडा पकड़े दिखा रहे हैं, कल को वही रसूल की शान में भी गुस्ताखी कर सकते हैं. हो सकता है कल कोई फिल्म डायरेक्टर आए जो रसूल या फिर सहाबा को सिगरेट पीते और LGBTQ का झंडा पकड़े दिखा दे.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
TMC की 'संजय राउत' बनने की ओर बढ़ चली हैं महुआ मोइत्रा
लीना मनिमेकलाई की फिल्म काली के आपत्तिजनक पोस्टर (Kaali Poster Controversy) का समर्थन करने के बाद अब महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) अपने बयान का बचाव करने उतरी हैं. और, अन्य विवादित बयानों को जन्म देने की ओर बढ़ती नजर आ रही हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो महुआ मोइत्रा टीएमसी की 'संजय राउत' बनने की ओर बढ़ चली हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
लीनाओं को डरने की क्या जरूरत है, कवर-फायर देने के लिए महुआ मोइत्रा-शशि थरूर हैं ना
लीमा मनिमेकलाई (Leena Manimekalai) की फिल्म काली के पोस्टर (Kaali Film Poster) के समर्थन में देवी काली पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं. और, उनके ऐसे ही विवादित बयानों पर शशि थरूर (Shashi Tharoor) जैसे नेता अपना समर्थन भी जता देते हैं.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
Kaali Poster Controversy: अभिव्यक्ति की आज़ादी पर केवल हिन्दू धर्म की बलि क्यों?
धर्म का प्रेम, जूनून बन किस किस रूप में आता है इसके बारे में अब तो बताने की आवश्यकता नहीं है. हिन्दू धर्म तो यूं भी अपने देश में पुराने समय से रौंदे जाने के लिए बना है. इसका मखौल बाहर वालों से ज्यादा अपनों ने उड़ाया है. अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर केवल हिन्दू देवी-देवता ही क्यों?
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
अफसोस ये है कि मां Kaali को सिगरेट पीते एक औरत ने ही दिखाया है!
मां काली को सिगरेट पीते दिखाना धार्मिक भावनाओं को आहत करने से कहीं ज़्यादा बड़ी बात है. दुनिया के करोड़ों लोग जो भी हिंदू धर्म को मानते हैं उनके लिए काली शक्ति का स्वरूप है. ये पोस्टर उस शक्ति पर प्रहार है. फ़ेमिनिजम तो ये बिलकुल नहीं है. क्योंकि जो पहले से शक्तिशाली है, आप उस स्त्री की शक्ति को कम करके दिखा रही हैं.
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